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शहर में एक पुरानी गली थी। लोग कहते थे कि वह गली भूतिया है। रात को गली में अजीब-अजीब छायाएँ दिखती थीं। एक दिन तीन दोस्त—राहुल, मनीष, और काजल—ने गली देखने का फैसला किया। वे रात को गली में गए। गली की दीवारें पुरानी थीं। दीवारों पर मकड़ियाँ रेंग रही थीं। राहुल ने अपनी टॉर्च जलाई। गली के एक कोने में एक पुराना सा घर था। घर का दरवाज़ा खुला था। काजल ने दरवाज़े के पास जाकर देखा। अचानक दरवाज़ा अपने आप बंद हो गया। काजल डर गई और पीछे हट गई। मनीष ने हँसकर कहा कि यह हवा की वजह से हुआ होगा। लेकिन तभी घर से एक अजीब सी आवाज़ आई। आवाज़ ऐसी थी जैसे कोई रो रहा हो। राहुल ने टॉर्च की रोशनी घर की खिड़की पर डाली। खिड़की पर एक काली बिल्ली बैठी थी। बिल्ली की आँखें चमक रही थीं। बिल्ली ने म्याऊँ-म्याऊँ की आवाज़ निकाली। सभी दोस्त समझ गए कि यह बिल्ली की आवाज़ थी। काजल ने राहत की साँस ली। इसके बाद उन्होंने गली के आखिरी छोर तक जाने का फैसला किया। गली के आखिरी छोर पर एक पुराना सा कुआँ था। कुएँ से ठंडी हवा निकल रही थी। मनीष ने कुएँ में एक पत्थर फेंका। पत्थर की आवाज़ गूँजने लगी। अचानक कुएँ से एक चमगादड़ बाहर निकला। चमगादड़ ने उनके ऊपर से उड़ान भरी। राहुल ने टॉर्च की रोशनी चमगादड़ पर डाली। चमगादड़ की आँखें चमक रही थीं। काजल ने कहा कि अब हमें वापस जाना चाहिए। लेकिन मनीष ने कहा कि हमें गली की सारी बातें जाननी चाहिए। उन्होंने गली में एक पुराना सा बोर्ड देखा। बोर्ड पर लिखा था कि यह गली पहले एक कब्रिस्तान थी। दोस्तों को समझ आया कि गली की कहानियाँ सच हो सकती हैं। लेकिन उन्हें कोई भूत नहीं दिखा। वे गली से बाहर आए। बाहर चाँदनी रात थी। आसमान में तारे चमक रहे थे। राहुल ने एक टूटता तारा देखा। उसने अपनी आँखें बंद कीं और एक इच्छा माँगी। उसने इच्छा माँगी कि वे फिर से ऐसी सैर करें। मनीष और काजल ने भी अपनी इच्छाएँ माँगी। वे घर लौट आए। उन्होंने अपने माता-पिता को गली की सारी बातें बताईं।
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