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जंगल में एक छोटा सा हिरण रहता था। उसका नाम था चंदन। चंदन को जंगल की सैर करना बहुत पसंद था। एक दिन वह अपने दोस्त गिलहरी के साथ सैर पर निकला। गिलहरी का नाम था चीकू। दोनों जंगल के एक नए रास्ते पर गए। रास्ते में उन्हें एक बड़ा सा पेड़ दिखा। पेड़ पर रंग-बिरंगे फल लगे थे। चीकू ने पेड़ पर चढ़कर एक फल तोड़ा। फल बहुत मीठा था। चंदन ने भी एक फल खाया। इसके बाद वे एक छोटे से तालाब के पास गए। तालाब में एक कछुआ तैर रहा था। कछुए का नाम था कच्छप। चंदन ने कच्छप को नमस्ते कहा। कच्छप ने उन्हें तालाब में तैरने के लिए बुलाया। चंदन और चीकू ने तालाब में छपाक-छपाक की। तालाब का पानी बहुत ठंडा था। इसके बाद वे तालाब के किनारे बैठ गए। कच्छप ने उन्हें एक कहानी सुनाई। कहानी एक जादुई मछली की थी। मछली तालाब में रहती थी और लोगों की मदद करती थी। चंदन ने सोचा कि काश वह उस मछली को देख पाता। इसके बाद वे जंगल के एक ऊँचे पहाड़ पर गए। पहाड़ से पूरा जंगल दिख रहा था। चीकू ने पहाड़ पर एक छोटा सा फूल देखा। उसने फूल को चंदन को दिया। चंदन ने फूल को सूँघा। उसकी खुशबू बहुत अच्छी थी। इसके बाद वे एक झरने के पास गए। झरने का पानी चमक रहा था। चंदन ने झरने के पानी में अपने पैर डाले। पानी बहुत ठंडा था। चीकू ने झरने के पास एक पत्थर उठाया। पत्थर चमक रहा था। कच्छप ने बताया कि यह पत्थर जादुई है। सूरज ढलने पर वे अपने घर लौट आए। चंदन को यह सैर बहुत पसंद आई।
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