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दीपावली के दिन नितिन का परिवार एक बड़ा उत्सव मनाता था। इस बार उत्सव उनके घर पर था। नितिन की माँ ने घर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया। नितिन के चाचा, ताऊ, और बुआ अपने बच्चों के साथ आए। घर में हँसी-खुशी का माहौल था। नितिन की दादी ने सभी के लिए खीर बनाई। खीर का स्वाद बहुत अच्छा था। नितिन के चचेरे भाई-बहनों ने मिलकर एक छोटा सा नाटक तैयार किया। नाटक में उन्होंने एक मज़ेदार कहानी दिखाई। नाटक में नितिन ने एक राजा की भूमिका निभाई। उसकी बहन ने रानी की भूमिका निभाई। सभी ने तालियाँ बजाकर उनकी तारीफ की। दोपहर में नितिन के पिता ने एक खेल का आयोजन किया। खेल में सभी को जोड़े बनाकर एक रस्साकशी करनी थी। नितिन और उसकी बहन ने एक टीम बनाई। उन्होंने बहुत मेहनत की और अपनी टीम को जीत दिलाई। रस्साकशी के बाद सभी ने मिलकर खाना खाया। खाने में पूड़ी, छोले, रायता और गुलाब जामुन था। खाने के बाद नितिन की बुआ ने एक पुरानी फोटो एल्बम निकाली। एल्बम में नितिन के बचपन की तस्वीरें थीं। सभी ने तस्वीरें देखकर पुरानी यादें ताज़ा कीं। नितिन की माँ ने बताया कि नितिन बचपन में बहुत शरारती था। रात को सभी ने मिलकर गाने गाए। नितिन के चाचा ने एक पुराना गाना गाया। उनकी आवाज़ बहुत सुरीली थी। इसके बाद नितिन ने अपने चचेरे भाइयों के साथ पटाखे जलाए। उन्होंने रंग-बिरंगी फुलझड़ियाँ जलाईं। आसमान में रंग-बिरंगे पटाखे चमक रहे थे। नितिन की बहन ने एक रॉकेट जलाया। रॉकेट आसमान में जाकर फटा। सभी ने तालियाँ बजाईं। उत्सव के बाद सभी ने अगले साल फिर मिलने का वादा किया। नितिन को यह उत्सव बहुत पसंद आया।
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