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सोनम के स्कूल में एक नया टीचर आया। उसका नाम था अनिल सर। अनिल सर बहुत हँसमुख थे। उन्होंने पहले दिन कक्षा में एक मज़ेदार खेल आयोजित किया। खेल में बच्चों को जोड़े बनाकर एक पहेली सुलझानी थी। सोनम और उसकी दोस्त मोना ने एक जोड़ा बनाया। उन्होंने पहेली को जल्दी से सुलझा लिया। अनिल सर ने उनकी तारीफ की। इसके बाद अनिल सर ने बच्चों को एक कहानी सुनाई। कहानी एक जादुई पेड़ की थी। पेड़ पर सुनहरे फल लगते थे। जो भी फल खाता, उसकी एक इच्छा पूरी हो जाती। बच्चों को कहानी बहुत पसंद आई। सोनम ने अनिल सर से पूछा कि क्या ऐसा पेड़ सच में होता है। अनिल सर ने हँसकर कहा कि यह सिर्फ़ कहानी है। लेकिन उन्होंने बच्चों को सपने देखने की सलाह दी। इसके बाद अनिल सर ने बच्चों को एक पेंटिंग बनाने को कहा। सोनम ने एक सुंदर फूलों का बगीचा बनाया। मोना ने एक जंगल की पेंटिंग बनाई। अनिल सर ने सभी बच्चों की पेंटिंग्स देखीं। उन्होंने हर बच्चे की तारीफ की। इसके बाद अनिल सर ने बच्चों को एक छोटा सा नाटक करने को कहा। सोनम ने एक राजकुमारी की भूमिका निभाई। मोना ने एक जादूगर की भूमिका निभाई। नाटक में राजकुमारी को जादूगर से बचाना था। अनिल सर ने बच्चों के नाटक को देखा। उन्होंने कहा कि सभी बच्चे बहुत अच्छे कलाकार हैं। सोनम को अनिल सर बहुत अच्छे लगे। उसने सोचा कि वह हर दिन अनिल सर से कुछ नया सीखेगी। स्कूल छूटने के बाद सोनम ने अपनी माँ को अनिल सर की सारी बातें बताईं। माँ ने कहा कि सोनम को स्कूल में खूब मज़ा आएगा। सोनम ने अगले दिन स्कूल जाने का इंतज़ार किया।
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