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सौरभ का परिवार एक छोटे से घर में रहता था। एक दिन सौरभ स्कूल से घर लौटा। उसने अपने पिता को बताया कि उसे एक छोटा सा कुत्ता मिला है। कुत्ते का रंग सफेद था, और उसकी आँखें भूरी थीं। सौरभ ने कुत्ते का नाम टॉमी रखा। पिता ने कहा कि वे टॉमी को घर में रख सकते हैं। सौरभ की माँ ने टॉमी के लिए एक छोटा सा बिस्तर बनाया। बिस्तर पर रंग-बिरंगी चादर बिछी थी। टॉमी बिस्तर पर लेट गया। उसे बहुत आराम महसूस हुआ। सौरभ की छोटी बहन रानी ने टॉमी को दूध पिलाया। टॉमी ने दूध पीकर अपनी पूँछ हिलाई। रानी ने हँसकर कहा कि टॉमी बहुत प्यारा है। इसके बाद सौरभ ने टॉमी को अपने घर का बगीचा दिखाया। बगीचे में रंग-बिरंगे फूल खिले थे। टॉमी बगीचे में इधर-उधर दौड़ने लगा। उसने एक तितली को देखा। टॉमी तितली के पीछे भागने लगा। रानी ने तितली को पकड़ने की कोशिश की। लेकिन तितली उड़कर एक पेड़ पर बैठ गई। सौरभ ने ट.Concurrent भाई-बहन की मस्ती देखी। उसने उनकी तस्वीरें खींची। इसके बाद माँ ने टॉमी के लिए एक छोटा सा गेंद खरीदा। सौरभ ने गेंद को बगीचे में फेंका। टॉमी गेंद के पीछे भागा। उसने गेंद को मुँह में पकड़ा और सौरभ के पास लाया। रानी ने टॉमी की तारीफ की। उसने कहा कि टॉमी बहुत समझदार है। रात को टॉमी सौरभ के बिस्तर के पास सो गया। सौरभ ने टॉमी को एक पुरानी कहानी सुनाई। कहानी एक जंगल की थी। जंगल में एक शेर रहता था। शेर बहुत दयालु था। टॉमी ने कहानी सुनकर अपनी आँखें बंद कर लीं। वह सो गया। सौरभ ने टॉमी को देखकर मुस्कुराया। उसने सोचा कि टॉमी उनके परिवार का सबसे प्यारा सदस्य है। अगले दिन सौरभ ने टॉमी को अपने दोस्तों से मिलवाया। उसके दोस्तों ने टॉमी को देखा। उन्होंने टॉमी के साथ खेला। टॉमी ने उनके साथ खूब मस्ती की। सौरभ के दोस्तों ने कहा कि टॉमी बहुत प्यारा है।
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