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एक छोटे से शहर में रवि नाम का लड़का रहता था। उसे एक दिन अपने घर की छत पर एक चमकदार पंख मिला। पंख सुनहरे रंग का था। रवि ने पंख को हाथ में लिया। अचानक वह हवा में उड़ने लगा। वह आसमान में बादलों के बीच पहुँच गया। बादलों के ऊपर एक जादुई दुनिया थी। वहाँ रंग-बिरंगे पक्षी उड़ रहे थे। एक पक्षी ने रवि को देखा और उससे बात करने लगा। पक्षी ने बताया कि यह पंख जादुई है। इसकी मदद से वह कहीं भी जा सकता है। रवि ने सोचा कि वह समुद्र के ऊपर उड़ेगा। उसने समुद्र की कल्पना की। अचानक वह एक विशाल समुद्र के ऊपर उड़ रहा था। समुद्र की लहरें नीचे चमक रही थीं। रवि ने एक मछली को पानी से बाहर कूदते देखा। मछली ने उसे देखकर सिर हिलाया। रवि ने मछली को नमस्ते कहा। इसके बाद रवि ने एक जंगल की कल्पना की। वह एक घने जंगल के ऊपर उड़ने लगा। जंगल में ऊँचे-ऊँचे पेड़ थे। रवि ने एक पेड़ पर रंग-बिरंगे फूल देखे। उसने पंख से एक फूल तोड़ने की कोशिश की। फूल उसके हाथ में आ गया। रवि ने फूल को सूँघा। उसकी खुशबू बहुत अच्छी थी। रवि ने सोचा कि वह इस फूल को अपनी माँ को देगा। उसने घर की कल्पना की। वह अपने घर की छत पर वापस आ गया। रवि ने पंख को संभालकर रख लिया। उसने माँ को फूल दिया। माँ ने फूल को एक फूलदान में रखा। रवि ने माँ को जादुई पंख की सारी बात बताई। माँ ने उसकी बात सुनी और मुस्कुराई। रवि ने सोचा कि वह इस पंख से फिर सैर करेगा। उसने अगले दिन फिर से पंख लिया। इस बार उसने एक पहाड़ की कल्पना की। वह बर्फ से ढके पहाड़ों पर पहुँच गया। वहाँ ठंडी हवा चल रही थी। रवि ने बर्फ में खेला। उसने एक छोटा सा स्नोमैन बनाया। स्नोमैन की नाक के लिए उसने एक पत्थर लगाया। रवि ने स्नोमैन को देखकर हँसी की। उसने पहाड़ों से एक चमकदार पत्थर उठाया। वह पत्थर भी जादुई था। रवि ने पत्थर को अपनी जेब में रख लिया। उसने सोचा कि वह इस पत्थर को अपने दोस्तों को दिखाएगा। वह घर वापस आ गया। उसने अपने दोस्तों को जादुई पंख और पत्थर की बात बताई। उसके दोस्तों ने उसकी बात सुनी और हैरान हो गए। रवि ने अपने दोस्तों को जादुई पंख से सैर कराने का वादा किया।
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