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पतंग का सपना। छोटू की पतंग टूट गई। वह उदास था। रात को सपने में पतंग बोली, “मुझे फिर से बनाओ।” सुबह छोटू ने पुराने कागज़ से नई पतंग बनाई। वह आसमान में ऊँची उड़ी। छोटू चिल्लाया, “सपने सच हो सकते हैं!” गाँव के बच्चे उससे प्रेरित हुए। पतंग का सपना। छोटू की पतंग टूट गई। वह उदास था। रात को सपने में पतंग बोली, “मुझे फिर से बनाओ।” सुबह छोटू ने पुराने कागज़ से नई पतंग बनाई। वह आसमान में ऊँची उड़ी। छोटू चिल्लाया, “सपने सच हो सकते हैं!” गाँव के बच्चे उससे प्रेरित हुए।
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